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Rediff.com  » Cricket » आइपीएल 12: कौन रहा सबसे आगे

आइपीएल 12: कौन रहा सबसे आगे

By हरीश कोटियन
May 16, 2019 17:58 IST
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आइपीएल 2019 भी हर बार की तरह बड़ा हिट साबित हुआ।

दुनिया के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले T20 टूर्नामेंट ने हर रात रोंगटे खड़े करने वाला रोमांचक अनुभव देकर सभी की उम्मीदों को पूरा किया।

इसमें कोई हैरानी नहीं कि फाइनल मैच आखिरी गेंद तक चला और इस रोमांचक मुकाबले में मुंबई इंडियन्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को सिर्फ 1 रन से पछाड़ दिया।

कुछ खिलाड़ियों ने आइपीएल 2019 में अपनी विशेष छाप छोड़ी - हार्दिक पंड्या, ऐंड्रे रसेल, के एल राहुल, डेविड वार्नर, ऋषभ पंत, कागिसो रबाडा और इमरान ताहिर तथा और भी कई।

हरीश कोटियन / रिडिफ़.कॉम ने आइपीएल 2019 के टॉप परफॉर्मर्स को चुना:

हार्दिक पंड्या

Hardik Pandya

हार्दिक पंड्या ने एक टेलीविज़न टॉक शो में अपने विवादित बयानों के बाद कई मुश्किल महीनों का सामना करने के बाद आइपीएल में कदम रखे।

मुंबई इंडियन्स के ऑल-राउंडर पूरे दम-खम के साथ मैदान में लौटे और अपनी धुआँधार बल्लेबाज़ी से लोगों को ख़ामोश करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।

हार्दिक के बल्ले से छक्कों की झड़ी लगी रही और बल्लेबाज़ी के उनके शानदार प्रदर्शन ने वर्ल्ड कप के लिये उनपर भारतीय टीम मैनेजमेंट के विश्वास को और मज़बूत कर दिया है।

कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ 34 गेंदों में 91 रनों की उनकी धमाकेदार पारी को युवराज सिंह ने अब तक आइपीएल में देखी गयी बेहतरीन पारियों में से एक बताया।

टीम की ज़रूरत की हर घड़ी में पंड्या ने फिनिशर की भूमिका बख़ूबी निभाई। इस आइपीएल सीज़न में 191 के स्ट्राइक रेट के साथ 16 मैच में 402 रनों का आँकड़ा ऐंड्रे रसेल के बाद दूसरे स्थान पर आता है।

साथ ही हार्दिक ने गेंद के साथ भी अपना कमाल दिखाते हुए 14 विकेट लिये और साथ ही साथ 11 कैच भी लिये।

ऐंड्रे रसेल

Andre Russell

ऐंड्रे रसेल का कोई तोड़ नहीं है। कई लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन सबको घुटने टेकने पड़े।

कोलकाता नाइट राइडर्स के ढीले-ढाले प्रदर्शन के बीच उन्होंने ही टीम की लाज रखी।

ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी के ज़्यादा मौके न मिलने के बाद भी - जिस एक बार उन्हें ये मौका मिला, इस लंबे-चौड़े जमाइकन ने 40 गेंदों में 80 रन जड़ दिये - और कलाई में चोट तथा पीठ में दर्द के बाद भी उन्होंने 200 के धमाकेदार स्ट्राइक रेट के साथ 14 मैच में 510 रन ठोके, जिसमें 52 छक्के और 31 चौके शामिल थे।

के एल राहुल

K L Rahul

बेहद विवादित टेलीविज़न शो में हार्दिक पंड्या के साथी होने के साथ-साथ राहुल आइपीएल के पहले ख़राब फॉर्म से भी जूझ रहे थे।

न सिर्फ उन्होंने स्टाइल के साथ वापसी की, बल्कि साथ ही अपनी टीम को धमाकेदार शुरुआत देने में अपने ओपनिंग पार्टनर क्रिस गेल को भी पीछे छोड़ दिया।

किंग्स XI पंजाब के ओपनर ने 53 के औसत के साथ 593 रन बनाये, जिसमें 6 अर्धशतक और एक शतक शामिल है। सबसे बड़ी बात है कि क्रीज़ पर उनकी दृढ़ता का कोई जवाब नहीं था।

शायद ही किसी के मन में कोई संदेह हो जब गेल ने कहा कि राहुल आगे जाकर दूसरे कोहली बन सकते हैं।

डेविड वॉर्नर

David Warner

भले ही 12 महीनों से डेविड हाइ-प्रोफाइल क्रिकेट से दूर रहे हों, लेकिन पूरे आइपीएल 2019 के दौरान जिस तरह उन्होंने सब गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ाये, शायद ही किसी को उनके क्रिकेट से दूर रहने की बात पर यक़ीन होगा।

सनराइज़र्स के ओपनर ने न सिर्फ अपना बेहतरीन आक्रामक रूप दिखाया, बल्कि साथ ही यह भी साबित कर दिया कि खेल से दूर रह कर उनकी रनों की भूख और बढ़ गयी है।

आइपीएल 2019 छोड़ कर ऑस्ट्रेलियन वर्ल्ड कप टीम में जाने से पहले, डेव ने 69 के औसत के साथ 692 रन जड़े, जिसमें एक शतक और 8 अर्धशतक शामिल हैं।

इस साल 600 के आँकड़े को पार करने वाले वह एकमात्र बल्लेबाज़ हैं।

शुभमन गिल

Shubman Gill

शुभमन गिल ने दिखा दिया कि क्यों उन्हें भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा सितारा माना जाता है।

इस विनम्र बल्लेबाज़ ने सीज़न की शुरुआत लड़खड़ाते हुए की, जिसका दोष KKR पर डाला जा सकता है, क्योंकि टीम ने उन्हें शुरुआत में उन्हें उनके सामान्य बैटिंग ऑर्डर में खेलने नहीं दिया। लेकिन जब से उन्हें ऊपर लाया गया, उनका आत्मविश्वास दुगुना हो गया और उन्होंने कई आकर्षक पारियाँ खेलीं।

बतौर ओपनर, दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ अपनी पहली पारी में उन्होंने 39 गेंदों में 65 रनों की धुआँधार पारी खेली, और कुछ ही समय बाद निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करने के बावजूद, जैसे ही उनकी टीम ने ऊपरी क्रम में उनके महत्व को समझा, वैसे ही उन्होंने दो अर्धशतक और लगाये।

उन्होंने 14 मैच में 296 रन बनाये और जब भी मौका मिला, बेहद आकर्षक पारी खेली।

गिल को आइपीएल इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द इयर का पुरस्कार मिला।

ऋषभ पंत

Rishabh Pant

जिन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वर्ल्ड क्रिकेट से जुड़े इतने लोगों को भारत की वर्ल्ड कप टीम में ऋषभ पंत को न लिये जाने से शिकायत क्यों है, इस आइपीएल सीज़न में दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज़ की शानदार बल्लेबाज़ी देख कर अब उनके मन में भी यही बात कौंध रही होगी।

उन्होंने मुंबई इंडियन्स के ख़िलाफ़ 27 गेंदों में 78 रनों की पारी के साथ अपने पहले ही मैच में जीत दर्ज करने में दिल्ली कैपिटल्स की मदद की।

राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ पंत के दो अर्धशतकों ने ही दिल्ली को 11 सालों में पहली बार प्ले-ऑफ़्स में जगह दिलाई।

इसके बाद सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ एलिमिनेटर मैच में 21 गेंदों में 49 रनों की निर्णायक पारी खेल कर उन्होंने टीम को फाइनल के करीब ला दिया।

162 की स्ट्राइक रेट के साथ 16 मैच में 488 रन बनाकर उन्होंने उन्हें वर्ल्ड कप टीम से बाहर रखने वाली भारतीय चयन समिति को गलत साबित कर दिया है।

महेंद्र सिंह धोनी

Mahendra Singh Dhoni

महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनका दम-खम आज भी कम नहीं हुआ है और सफेद गेंद के क्रिकेट में उनकी बल्लेबाज़ी का आज भी कोई तोड़ नहीं है।

चेन्नई सुपर किंग्स काफ़ी हद तक अकेले उनके दम पर ही प्ले-ऑफ़्स तक पहुंच पाई। टॉप ऑर्डर के धराशायी होने के बाद, CSK को एक बार फिर उनकी प्रेरणादायक कप्तानी पारी की ज़रूरत पड़ी।

और धोनी ने टीम को निराश न करते हुए, मुश्किल लक्ष्यों का पीछा करते हुए और बड़े स्कोर बनाने में अपनी टीम की पूरी मदद की।

उनकी देर से आयी 46 गेंदों में 75 रनों की पारी ने राजस्थान रॉयल्स को 8 रनों से हराने में CSK की मदद की, जिसके बाद किंग्स XI पंजाब पर जीत में एक मुश्किल विकेट पर 23 गेंदों में 37 रनों की उनकी पारी की अहम भूमिका रही।

43 गेंदों में धोनी की 58 रनों की पारी के साथ एक मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए CSK राजस्थान को मात देने में सफल रही, लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के ख़िलाफ 48 गेंदों में 84 रनों की उनकी पारी बेकार चली गयी।

134 के औसत के साथ 15 मैच में 416 रनों के साथ धोनी CSK के सबसे स्थिर बल्लेबाज़ रहे।

ग़ौरतलब है कि इस साल के आइपीएल में धोनी के 50 प्रतिशत रन आखिरी 3 ओवर्स में आये हैं, और उन्होंने फिनिशर की भूमिका को बख़ूबी निभाया है।

क्विंटन डी कॉक  

Quinton de Kock

क्विंटन डी कॉक आइपीएल में हमेशा से ही उतार-चढ़ाव से गुज़रते आये हैं। लेकिन मुंबई इंडियन्स के साथ उनका पहला सीज़न उनके और उनकी टीम, दोनों के लिये बड़ी सफलता लेकर आया है।

रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करते हुए, पारी की शुरुआत में उनके ऊपर काफ़ी ज़िम्मेदारियाँ थीं।

एक स्थिर फॉर्म दिखाते हुए वो लीग स्टेज में अपनी टीम के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। डी कॉक ने 132 की स्ट्राइक रेट के साथ 16 मैच में 529 रन जड़े, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल थे।

कागिसो रबाडा

Kagiso Rabada

कागिसो रबाडा ने साबित कर दिया कि यूं ही वो चर्चा में नहीं रहे हैं, चोट के कारण पिछला सीज़न न खेल पाने के बाद इस आइपीएल में उन्होंने कहर बरपा दिया।

सिर्फ 23 साल के दक्षिण अफ्रीकी तेज़ गेंदबाज़ ने 12 मैच में 25 विकेट्स लेकर दिल्ली की सफलता में अहम भूमिका निभाई, जिसके बाद चोट के कारण उन्हें घर वापस लौटना पड़ा।

उनकी कई शानदार डिलिवरीज़ में से KKR के ऐंड्रे रसेल को पैविलियन भेजने के लिये उनके बेहतरीन यॉर्कर को बॉल ऑफ़ आइपीएल 2019 माना जायेगा।

रबाडा शुरुआत में भी उतने ही दमदार थे, जितने डेथ ओवर्स में। उन्होंने विराट कोहली और ए बी डी विलयर्स जैसे दिग्गजों के विकेट्स लेकर 4/21 के आँकड़े के साथ आरसीबी लाइन-अप की कमर तोड़ दी।

सनराइज़र्स के ख़िलाफ़ 4/22 के आँकड़े के साथ उन्होंने इसी प्रदर्शन को दोहराया और ख़तरनाक डेविड वॉर्नर को वापस भेज कर दिल्ली को 39 रनों से जीत दिलाई।

जोफ़रा आर्चर

Jofra Archer

क्रिकेट की दुनिया को बार्बाडोस में जन्मे इस बेहद प्रतिभाशाली ऑल-राउंडर को बड़े  स्टेज पर खेलते देखने का इंतज़ार है।

जोफ़रा आर्चर राजस्थान की कमज़ोर टीम के बीच अकेले चमकते दिखाई दिये।

उन्होंने तूफ़ानी गेंदबाज़ी के साथ, धोनी जैसे दिग्गज को हेलमेट पर मार कर, कभी बैट्समैन को पैविलियन लौटा कर तो कभी उन्हें उलझा कर अपनी चमक बिखेरी, उन्होंने 6.76 की इकॉनमी रेट के साथ 11 विकेट्स लिये।

इमरान ताहिर

Imran Tahir

40 की उम्र में भी इमरान ताहिर का विकेट्स लेने का सिलसिला रुका नहीं है और न ही छोटे बच्चों की तरह जीत की खुशी में दौड़ते हुए उनका उत्साह कम नज़र आता है।

पुरानी शराब की तरह, इस दक्षिण अफ्रीकी ने भी वक़्त के साथ के साथ अपने खेल को और भी निखार लिया है।

चेन्नई में अपने होम ग्राउंड पर स्पिन के लिये अनुकूल स्थितियों में ताहिर ने अपना खेल दिखाया। 17 मैच में 26 विकेट लेकर वो आइपीएल 2019 के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने।

ऐंड्रे रसेल से उनकी लड़ाई छोटी लेकिन आकर्षक रही, और उन्होंने अपनी चालाकी और चपलता से एक दिग्गज खिलाड़ी को शांत कर दिया।

सिर्फ KKR के धमाकेदार बल्लेबाज़ ही ताहिर की सूझ-बूझ का शिकार नहीं हुए। इस लेग स्पिनर की गेंद पर रन बनाना बेहद मुश्किल रहा, और 6.69 की शानदार इकॉनमी रेट इस बात को साबित करती है।

सभी फोटोग्राफ्स:  BCCI

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